Tuesday, 31 October 2017

एकीकृत चिट्ठा एवं लाभ हानि खाता | CONSOLIDATED BALANCE SHEET AND PROFIT & LOSS A/C


एकीकृत चिट्ठा एवं लाभ हानि खाता 
(CONSOLIDATED BALANCE SHEET AND PROFIT & LOSS A/C)

सूत्रधारी एवं सहायक कंपनी के लेखे जब एक साथ तैयार किये जाते है, तो एकीकृत लेखे कहा जाता है | सूत्रधारी कंपनी वह होती है जो किसी दूसरी कंपनी के 51% से अधिक अंशों का क्रय करती है | जिस कंपनी के अंश क्रय किये जाते है वह सहायक कंपनी कहलाती है |

लेखा मानक 21 के लागू हो जाने से पूर्व भारत में कम्पनियाँ एकीकृत लेखे तैयार करने को बाध्य नहीं थी | परन्तु लेखा मानक 21 (एकीकृत वित्तीय विवरण) के लागू हो जाने के बाद प्रत्येक कंपनी को वित्तीय विवरणों को एकीकृत करना अनिवार्य हो गया है | सूत्रधारी एवं सहायक कंपनी के वित्तीय विवरणों को एकीकृत करना इसलिए अनिवार्य हो गया है ताकि सूत्रधारी कंपनी के अंशधारी अपने हितों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सके हांलाकि सूत्रधारी कंपनी के अंशधारियों का हित सहायक कंपनी के अंशों कि संख्या तक ही सीमित होता है | अतः यह आवश्यक हो गया है कि सूत्रधारी कंपनी एवं सहायक कंपनी के लिए एकमात्र चिट्ठा एवं एकमात्र लाभ-हानि खाता बनाया जाए | इसके पीछे प्रमुख मान्यता यह है कि सूत्रधारी कंपनी एवं उसकी सभी सहायक कम्पनियाँ एक समूह के रूप में एक व्यावसायिक इकाई के रूप में कार्य करती है|

Monday, 23 October 2017

दोहरा खाता पद्धति | DOUBLE ACCOUNT SYSTEM


दोहरा खाता पद्धति (DOUBLE ACCOUNT SYSTEM)

दोहरा खाता पद्धति - एसी संस्थाएं जिनका समाज को सेवा प्रदान करने के व्यवसाय में एकाधिकार होता है, एसी संस्थाओं कि स्थापना संसद के विशेष अधिनियम द्वारा होती है | इन कंपनियों को जनोपयोगी संस्थाएं कहा जाता है | जैसे - बिजली आपूर्ति कंपनी, जल आपूर्ति कंपनी , रेलवे कंपनी, गैस आपूर्ति कंपनी आदि | इन संस्थाओं में पूँजी का बहुत बड़ा भाग विनियोजित होता है | यह पूँजी जनता कि होती है अतः यह आवश्यक है कि कंपनियाँ अपने लेखों का प्रस्तुतीकरण इस प्रकार से करे जिससे एक सामान्य व्यक्ति देखकर कंपनी कि वितीय स्थिति कि जानकारी प्राप्त कर सके | इसी उद्देश्य कि पूर्ति के लिए लेखों का प्रस्तुतीकरण एक विशेष पद्धति जिसे दोहरा खाता पद्धति कहते है के अंतर्गत किया जाता है |