ख्याति (GOODWILL)
यह एक स्थाई सम्पत्ति होती है | इसे अमुर्तवान सम्पत्ति भी कहा जाता है क्योंकि इसे देखा नहीं जा सकता है | व्यवसाय में ख्याति का होना लाभों का परिचायक होता है | सामान्य शब्दों में ख्याति से तात्पर्य यश , प्रतिष्ठा एवं कीर्ति आदि शब्दों से लगाया जाता है |
विद्वान न्यायाधीश मेकनोटन ने एक कैश के फैसले मे ख्याति को परिभाषित करते हुए लिखा कि "ख्याति का वर्णन करना सरल है परन्तु इसकी परिभाषा देना एक कठिन कार्य है | यह एक आकर्षण शक्ति है जो राह चलते ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करती है |"
ख्याति उसी व्यापार में होती है जहाँ सामान्य लाभ से अधिक लाभ होते है | यदि व्यवसाय असाधारण लाभ कमाता है तो , यह निश्चित रूप से ख्याति के कारण से ही सम्भव होता है |
ख्याति दो प्रकार कि होती है
- क्रय कि गयी ख्याति - व्यापार क्रय करते समय व्यापार की शुद्ध सम्पतियों से जितना अधिक मूल्य चुकाया जाता है , वह अधिक मूल्य ही ख्याति का मूल्य होता है |भारतीय लेखा मानक 10 के अनुसार क्रय कि गई ख्याति को ही पुस्तकों में दिखाया जाता है | जबकि लेखा मानक 14 के अनुसार ख्याति को अधिकतम 5 वर्षो में अपलिखित किया जाना चाहिए |
- अनुवांशिकी अथवा क्रय की गई ख्याति - इस ख्याति का व्यवसाय में व्यापक योगदान होता है | यह स्वतः ही उत्पन्न होती है | लेखा मानक 10 के अनुसार इस प्रकार कि ख्याति को पुस्तकों में नहीं दिखाया जाता है |
ख्याति के मूल्यांकन कि आवश्यकता क्यों होती है
- जब व्यापार का विक्रय किया जा रहा हो |
- साझेदारी फर्म की दशा मे नए साझेदार को प्रवेश दिया जा रहा हो |
- जब साझेदारी के लाभ विभाजन अनुपात मे परिवर्तन प्रस्तावित हो |
- जब एक कंपनी का एकीकरण दूसरी कंपनी के साथ हो रहा हो |
- जब एक फर्म एक कंपनी के रूप मे परिवर्तित होती है |
STEP 1st
CALCULATION OF ACTUAL AVERAGE PROFIT
YEAR
|
PROFIT
/ LOSS
|
ADJUSTMENT
|
NET
PROFIT
|
NOTE -
- यदि किसी वर्ष के लाभों में असामान्य आय तथा लाभ को शामिल कर लिया गया हो , तो इस लाभ व आय को घटा दिया जायेगा |
- यदि किसी वर्ष के लाभों में से असामान्य व्यय तथा हानि को शामिल कर लिया गया हो , तो एसे व्यय तथा हानि को जोड़ दिया जाएगा |
- यदि कोई समायोजन किसी वर्ष विशेष से सम्बन्ध रखता हो . तो उसी वर्ष विशेष में समायोजन किया जाएगा |
- स्टॉक तथा चालू सम्पतियों के मूल्य में वृद्धि होती है तो लाभों को बढ़ाया जाएगा | इसके विपरीत चालू सम्पतियों के मूल्य मे कमी होती है तो लाभों को कम कर दिया जाएगा | यह समायोजन चालू वर्ष में करना है |
- यदि चालू दायित्वों के मूल्यों में वृद्धि होती है , तो लाभों को कम कर दिया जाएगा | इसके विपरीत यदि चालू दायित्वों के मूल्यों में कमी होती है तो लाभों को बढ़ाया जाएगा | यह समायोजन भी चालू वर्ष में करना है |
- BAD DEBTS, PROVISION FOR DOUBTFUL DEBTS आदि के बारे मे सूचना ने होने पर चालू वर्ष के लाभों में से घटा दिया जाएगा |
- यदि किसी वर्ष विशेष में असामान्य लाभ अथवा हानि हो तथा कारण का उल्लेख किया गया हो , तो ACTUAL AVERAGE PROFIT कि गणना करते समय ऐसे असामान्य लाभ अथवा हानि को छोड़ दिया जाएगा |
- यदि समायोजन के बाद लाभ बढ़ते हुए क्रम में या घटते हुए क्रम में हो , तो सामान्य औसत के स्थान पर भारित औसत ज्ञात करना है |
STEP 2nd
CALCULATION OF FUTURE MAINTAINABLE PROFIT (F.M.P.)
PARTICULAR
|
AMOUNT
|
ACTUAL AVERAGE PROFIT (AS PER
CALCULATED)
|
XX
|
LESS – NON TRADE INCOME
|
XX
|
ADD – INCOME WILL RECEIVE IN FUTURE
|
XX
|
ADD – EXPENDITURE NOT TO BE PAID IN
FUTURE
|
XX
|
LESS – INCOME WILL NOT RECEIVE IN
FUTURE
|
XX
|
LESS – EXPENDITURE TO BE PAID IN
FUTURE
|
XX
|
LESS – FAIR REMUNERATION
|
XX
|
ADD/LESS – DEPRECIATION
|
XX
|
LESS – PROVISION FOR TAX
|
XX
|
F.M.P.
|
XXX
|
NOTE -
- CALCULATION OF DEPRECIATION
S.R.
NUM.
|
NAME
OF ASSETS
|
REVALUED
VALUE
|
BOOK
VALUE
|
DIFFERENCE
|
RATE
OF DEP.
|
AMOUNT
|
1.
|
PLANT
|
100000
|
90000
|
10000
|
15%
|
1500
|
2.
|
FURNITURE
|
100000
|
150000
|
-50000
|
10%
|
-5000
|
SAVING
IN DEP.
|
-3500
|
यदि DEPRECIATION कि राशि POSITIVE आती है तो घटाना है और यदि NEGATIVE आ जाये तो जोड़ना है |
2. यदि प्रश्न में DEPRECIATION कि रेट न दी गई हो तो निम्न दरों का प्रयोग किया जाएगा -
BUILDING
|
10%
|
PLANT & MACHINERY
|
15%
|
MOTOR VEHICLE
|
15%
|
LAND
|
NIL
|
STEP 3rd
CALCULATION OF CAPITAL EMPLOYED
विनियोजित पूँजी (CAPITAL EMPLOYED) दो प्रकार कि होती है -
- अंतिम विनियोजित पूँजी (CLOSING CAPITAL EMPLOYED)
- औसत विनियोजित पूँजी (AVERAGE CAPITAL EMPLOYED)
CALCULATION OF CLOSING CAPITAL EMPLOYED
PARTICULAR
|
AMOUNT
|
FIXED ASSETS
|
XX
|
CURRENT ASSETS
|
XX
|
TRADE INVESTMENT
|
XX
|
PREPAID EXPENSES
|
XX
|
PATENT & TRADEMARK
|
XX
|
TOTAL
|
XXX
|
LESS – CURRENT LIABILITIES
|
|
CREDITORS
|
XX
|
BILLS PAYABLE
|
XX
|
OUTSTANDING EXPENSES
|
XX
|
BANK OVERDRAFT
|
XX
|
PROVISION FOR TAX
|
XX
|
DEBENTURES
|
XX
|
SECURED & UNSECURED LOAN
|
XX
|
LONG-TERM & SHORT-TERM LOAN
|
XX
|
PENSION FUND, GRATUITY FUND
|
XX
|
FUND FOR FUTURE LIABILITIES
|
XX
|
PROVIDENT FUND
|
XX
|
EMPLOYEE COMPENSATION FUND
|
XX
|
CLOSING
CAPITAL EMPLOYED
|
XXX
|
NOTE -
- GOODWILL को ASSETS में शामिल नहीं करना है |
- EQUITY SHARES, PREFERENCES SHARES, ALL RESERVES, SURPLUS, PROPOSED DIVIDEND (EQUITY & PREFERENCE) आदि को दायित्वों में शामिल नहीं करना है |
- यदि प्रश्न में ऐसा कहा गया हो कि चालू वर्ष के लाभ तुरंत व्यापार से निकाल लिए जाते है , तो एसी दशा में CLOSING CAPITAL EMPLOYED ज्ञात करनी है |
- सूचना के अभाव में औसत विनियोजित पूँजी (AVERAGE CAPITAL EMPLOYED) ज्ञात करनी है |
CALCULATION OF AVERAGE CAPITAL EMPLOYED
PARTICULAR
|
AMOUNT
|
CLOSING CAPITAL EMPLOYED
|
XX
|
LESS – ½ OF CURRENT YEAR PROFIT
|
XX
|
AVERAGE
CAPITAL EMPLOYED
|
XX
|
NOTE -
- 1/2 OF CURRENT YEAR PROFIT से आशय ऐसे लाभों से है, जिसमे से PROVISION FOR TAX, BAD DEBTS FOR THE YEAR, PROVISION FOR DOUBTFUL DEBTS, STOCK और CURRENT ASSETS के मूल्य में कमी/वृद्धि का समायोजन, CURRENT LIABILITIES के मूल्यों में कमी/वृद्धि का समायोजन करने के बाद शेष बचे लाभों से है |
- इस समायोजन में कर की पुरानी दर का प्रयोग करना है |
STEP 4th
CALCULATION OF NORMAL PROFIT
NORMAL PROFIT = CAPITAL EMPLOYED × RATE OF RETURN
NOTE -
यदि प्रश्न में प्रत्याय कि दर (ROR) न दी गई हो, तो नीचे लिखे गए किसी भी एक सूत्र के आधार पर ROR की गणना की जा सकती है -
ROR = BANK RATE + RATE OF RISK
STEP 5th
CALCULATION OF SUPER PROFIT
SUPER PROFIT = FUTURE MAINTAINABLE PROFIT - NORMAL PROFIT
NOTE -
यदि व्यापार में SUPER PROFIT नहीं है , तो GOODWILL कि गणना नहीं कि जा सकती है |
STEP 6th
CALCULATION OF GOODWILL
1. वर्षों कि क्रय विधि के आधार पर
(A) F.M.P. के आधार पर
GOODWILL = F.M.P. × NUMBER OF PURCHASES YEARS
(B) SUPER PROFIT के आधार पर
GOODWILL = SUPER PROFIT × NUMBER OF PURCHASES YEARS
2. पूंजीकरण विधि
grate sir ji.
ReplyDeleteसर इसमें छोटी छोटी चीजों को समझाइए जैसे अधिलाभ क्या है सामान्य लाभ क्या है औसत लाभ क्या हैं।
ReplyDeleteख्याति की उतप्ति के कारण को बता दीजिए
ReplyDeleteVery nic
ReplyDeletesir aap ye baitai ki औसत ओर अधिलाभ मे अंतर kya he ye nhi aa rha he
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteसर सब समझ में आ गया पर कुछ उदाहरण भी बताते तो अच्छा होता
ReplyDeleteधन्यबाद
इश्मे औसत विधि और सुपर विधि वार्षिकी विधि Kaha hAi येन
ReplyDeleteThanks sir
ReplyDeletethanks sir
ReplyDeleteGreat Sir
ReplyDeleteEnsure accurate Gratuity Valuation with Mithras Consultants.
ReplyDeleteTo get an accurate gratuity valuation, especially considering changes in regulations or company policies, it's recommended to consult with professionals like Mithras Consultants who specialize in Gratuity Valuation services.
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