Statement of Affairs
of the .....................as per Winding up Order as on.................
Surplus/Deficiency Statement
Particulars
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Amount
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Items Contributing to Deficiency
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1.
Excess Capital & Liabilities
Over Assets for the year (Loss of P&L a/c)
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xx
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2.
Trading Losses from last Years
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xx
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3.
Estimated Losses
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xx
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4.
Other Losses not Recorded in the
Books
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xx
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Total (A)
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xx
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Items Contributing to Surplus
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1.
Excess Assets Over Capital &
Liabilities for the Year (Profit of P&L a/c)
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xx
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2.
Trading Profit From last Years
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xx
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3.
Estimated Profit
|
xx
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4.
Other Profits not Recorded in
the Books
|
xx
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Total
(B)
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xx
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Deficiency/surplus
(A-B)
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xx
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NOTE - Preferential Creditors से आशय कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 327(1) के अनुसार निम्नलिखित लेनदार पूर्वाधिकार लेनदार कहलाते है -
- Salary & Wages - चार माह की Salary & Wages अथवा 20000 ₹ दोनों में से जो भी कम हो परन्तु Salary & Wages कंपनी से सम्बंधित होना चाहिए |
- Rent, Rates & Taxes - यह सम्बंधित अवधि के 12 माह से सम्बंधित होने चाहिए | यदि 12 माह से अधिक अवधि के हो, तो एसी दशा में 12 माह तक पूर्वाधिकार लेनदार तथा इससे अधिक अवधि से सम्बंधित होने पर असुरक्षित लेनदार माने जाएँगे |
- औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत देय क्षतिपूर्ति की राशि 1000 ₹ प्रति व्यक्ति की सीमा तक पूर्वाधिकार लेनदार माने जाएँगे |
- यदि किसी कर्मचारी की सेवाएँ समाप्त किए जाने अथवा उसकी मृत्यु होने पर समस्त अर्जित अवकाश की प्राप्त राशि (Earn live money) पूर्वाधिकार लेनदार मानी जाती है |
- कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत चुकाया गया प्रीमियम पूर्वाधिकार लेनदार होते है परन्तु यह राशि 12 माह से सम्बंधित होनी चाहिए |
- यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु होने अथवा शारीरिक अपंगता होने पर कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के अंतर्गत देय क्षतिपूर्ति की राशि |
- कर्मचारी के Provident Fund, Pension Fund, Gratuity Fund आदि में किया गया अंश दान |
निस्तारक के अंतिम हिसाब का विवरण तैयार करना
यदि कंपनी का समापन न्यायालय द्वारा किया जाता है तो निस्तारक की नियुक्ति न्यायालय द्वारा की जाती है | निस्तारक का यह कर्तव्य है की वह अपने प्राप्ति एवं भुगतानों का पूर्ण विवरण रखे और प्रत्येक 6 माह के अंत में अपने हिसाब का विवरण न्यायालय में प्रस्तुत करे | निस्तारक द्वारा सम्पतियों की वसूली एवं दायित्वों का भुगतान किया जाता है | इस कार्य हेतु निस्तारक को निर्धारित दर से कमीशन दिया जाता है | जब कंपनी की समस्त सम्पतियों का मूल्य वसूल कर लिया जाता है तथा समस्त दायित्वों का भुगतान कर दिया जाता है तो निस्तारक न्यायालय में अंतिम हिसाब का विवरण प्रस्तुत करता है इसे ही निस्तारक का अंतिम हिसाब विवरण कहा जाता है |
Liquidator Final Statement
Receipts
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Amount
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Payments
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Amount
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Cash in hand
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xx
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By Legal Expenses
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xx
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Cash at Bank
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xx
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By Liquidation Expenses
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xx
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To Assets Realise (List ‘A’)
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xx
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By Liquidator Commission
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To Surplus from Secure Creditors (List
‘B’)
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xx
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on Assets Realise
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xx
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To Calls Received
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xx
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on Payment to Creditors
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xx
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on Other Payment
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xx
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By preferential Creditors (List ‘C’)
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xx
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By Debenture holders (List ‘D’)
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xx
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By Unsecured Creditors (List ‘E’)
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xx
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By Pre-Share Dividend
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xx
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By Calls in Advance
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xx
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||
By Pre-Share Capital (List ‘F’)
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xx
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||
By Equity Share Capital (List ‘G’)
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xx
|
||
TOTAL
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xx
|
TOTAL
|
xx
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अंतिम हिसाब का विवरण का तैयार करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखें -
- यदि प्रश्न में ऐसा कहा गया हो की सम्पतियों की वसूली पर कमीशन देना है तो सम्पतियों के मूल्यों की गणना करते समय Cash को शामिल नहीं करना है |
- यदि प्रश्न में धनराशि की वसूली पर कमीशन देने की बात कही गई हो तो सम्पतियों की गणना करते समय नकद को शामिल करना है |
- यदि असुरक्षित लेनदारों को भुगतान की गई राशि पर कमीशन देना हो तो एसी दशा में पूर्वाधिकार लेनदारों व असुरक्षित लेनदारों दोनों को भुगतान की गई राशि पर कमीशन की गणना की जाएगी |
- यदि निस्तारक के पास किसी भुगतान के लिए पर्याप्त धनराशि न हो तथा भुगतान की जाने वाली राशि पर कमीशन भी देना हो तो कमीशन की गणना निम्न प्रकार होगी -
- यदि प्रश्न में समापन की तिथि व भुगतान की तिथि दोनों दी गई हो तो सूचना के अनुसार भुगतान करें अन्यथा समापन की तिथि तक का ही भुगतान करना चाहिए |
- यदि प्रश्न में Calls in Advance दिया गया हो तो इसका भुगतान मूल अंशधारियों से पूर्व करना आवश्यक है |
- यदि निस्तारक के पास भुगतान हेतु पर्याप्त राशि शेष नहीं है तो आनुपातिक रूप में भुगतान किया जाए |
- निस्तारक भुगतान वही तक कर सकेगा जहां तक उसके पास शेष राशि उपलब्ध होगी |
- लाभांश का भुगतान तभी किया जाएगा जब प्रश्न में लाभांश की बात स्पष्ट रूप से कही गई होगी अथवा निस्तारक उस दशा में भी भुगतान कर सकेगा जब समता अंशधारियों को भुगतान करने के पश्चात कोई आधिक्य उपलब्ध रहता हो |
- यदि प्रश्न में एसी सूचना हो की सुरक्षित लेनदारों के पास रखी सम्पत्ति निस्तारण को वसूल करनी है अथवा निस्तारक ने सम्पति का विक्रय किया है तो एसी दशा में वसूल की गई समस्त राशि पर कमीशन की गणना की जाएगी |
- यदि निस्तारक ने सुरक्षित लेनदारों को भुगतान करने के बाद आधिक्य की राशि प्राप्त की है तो एसी दशा में आधिक्य की राशि को अन्य सम्पतियों के वसूली मूल्य में शामिल करते हुए कमीशन की गणना की जाएगी |
- यदि कंपनी के पास समस्त लेनदारों को भुगतान करने हेतु पर्याप्त धनराशि नहीं है तो ऋणपत्रों पर ब्याज समापन की तिथि तक का दिया जाएगा और यदि पर्याप्त धनराशि हो तो ऋणपत्रों पर ब्याज भुगतान की तिथि तक का दिया जाएगा |
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